मंडी: जंजैहली चिट्टा कांड में सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार, सिंडिकेट के 10 सदस्य धरे गए - सत्यमेव जयते

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Saturday, April 5, 2025

मंडी: जंजैहली चिट्टा कांड में सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार, सिंडिकेट के 10 सदस्य धरे गए


मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बहुचर्चित जंजैहली भलवाड़ चिट्टा प्रकरण में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों में खंडविकास कार्यालय में मनरेगा के तहत लगा जूनियर अकाउंटेंट संजय कुमार और बिजली बोर्ड में टीमेट के पद पर काम करने वाला लाल सिंह उर्फ पप्पू इस अवैध ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा थे। अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता ने सराज क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।

एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि संजय कुमार और लाल सिंह मुख्य आरोपियों रूबल ठाकुर और लवली के साथ मिलकर चिट्टे (सिंथेटिक ड्रग्स) के अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे थे। संजय ने 2024-25 में रूबल के साथ 10 बार बैंक ट्रांजेक्शन किए, जिसमें एसबीआई से 30,000 रुपये और एचडीएफसी से 30,500 रुपये भेजे गए। वहीं, लवली के खाते में उसने 25 बार में एसबीआई से 73,500 रुपये और एचडीएफसी से 77,800 रुपये ट्रांसफर किए। दूसरी ओर, लाल सिंह ने रूबल को 22,690 रुपये और लवली को 57,000 रुपये भेजे। दोनों की कॉल डिटेल्स से भी रूबल और लवली के साथ बार-बार बातचीत की पुष्टि हुई है।

पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने बताया कि दोनों आरोपियों को अदालत से पांच दिन का रिमांड मिला है और जांच जारी है। इस प्रकरण की शुरुआत 15 फरवरी को रूबल ठाकुर और संदीप की गिरफ्तारी से हुई थी। जांच में पता चला कि रूबल, लवली और संदीप ने सराज क्षेत्र में चिट्टे का नेटवर्क तैयार किया था। संदीप अपनी गाड़ी से ग्रामीण इलाकों में हेरोइन पहुंचाता था, जिसकी खेप फिरोजपुर से लाई जाती थी। संजय और लाल सिंह इस नेटवर्क को सहयोग दे रहे थे।

एसआईटी के मुताबिक, इस सिंडिकेट में शामिल लोग एक-दूसरे से जुड़े थे। रूबल ठाकुर को संदीप, लवली, संजय, लाल सिंह, राजेंद्र, पवन और भूपेंद्र जानते थे, जबकि रूबल आकाश से जुड़ा था। आकाश के संपर्क में मनजिंदर कौर और इद्रंजीत सिंह थे, जो रूबल को नहीं जानते। इससे पहले बीडीओ कार्यालय सराज में आउटसोर्स पर तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी इस मामले में पकड़ा जा चुका है, जिसे बर्खास्त कर दिया गया।

यह मामला सराज क्षेत्र में नशे के बढ़ते जाल और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता को उजागर करता है, जिसने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है। पुलिस का कहना है कि इस सिंडिकेट के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जांच तेज कर दी गई है।


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