मेरठ। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के थाना सरूरपुर क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से गुरुवार दोपहर कक्षा सात की तीन छात्राएं संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गईं। इस घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। लापता छात्राओं में मेरठ की दो और सरधना क्षेत्र की एक छात्रा शामिल हैं। देर रात तक चली तलाश के बावजूद छात्राओं का कोई सुराग नहीं मिल सका, जिसके बाद डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर तीनों छात्राएं अचानक स्कूल से गायब हो गईं। आरोप है कि विद्यालय प्रशासन ने इस घटना को देर शाम तक दबाए रखा, लेकिन जब सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने पुलिस को सूचना दी। देर रात डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे, जिसके बाद देर रात बीएसए ने कैमरों को चालू करवाया। इसके अलावा, स्कूल परिसर की पीछे की दीवार टूटी हुई पाई गई, जिसके बारे में आशंका जताई जा रही है कि छात्राएं इसी रास्ते से बाहर गई होंगी।
छात्राओं के परिजनों को भी सूचना दी गई, जो देर रात स्कूल पहुंचे। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटियां अक्सर शिकायत करती थीं कि स्कूल परिसर में बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। परिजनों ने स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। देर रात तक डीएम और एसपी मौके पर डटे रहे और पुलिस ने आसपास के इलाकों में तलाश तेज कर दी है।
गौरतलब है कि मेरठ हाल के दिनों में सौरभ राजपूत हत्याकांड के बाद से चर्चा में है, जिसमें सौरभ की पत्नी मुस्कान और साहिल को गिरफ्तार किया गया था। अब कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से तीन छात्राओं के लापता होने की घटना ने जिला प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। इस घटना ने स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस और प्रशासन ने छात्राओं की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।


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