ऊधमपुर। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के सेरी चंबा क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मच गई। मूसलधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। राजमार्ग पर भारी मलबा और कीचड़ जमा होने से दोनों ओर यातायात ठप हो गया, जिसके चलते सैकड़ों वाहन हाईवे पर फंस गए। इस प्राकृतिक आपदा ने यात्रियों और स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है।
ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट (टीसीयू) रामबन के अनुसार, शुक्रवार दोपहर तेज बारिश के कारण सेरी चंबा में अचानक भूस्खलन हुआ, जिससे राजमार्ग पर मलबा आ गया। इस घटना ने जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया। हाईवे बंद होने के तुरंत बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के लिए कार्यरत सीपीपीएल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आधा दर्जन मशीनों के साथ मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। दोपहर बाद से युद्धस्तर पर सफाई कार्य जारी है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक राजमार्ग को पूरी तरह खोला नहीं जा सका था।
पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) रामबन के अनुसार, हाईवे को खोलने में अभी दो से तीन घंटे या उससे अधिक समय लग सकता है। भूस्खलन के कारण सड़क पर जमा मलबा और कीचड़ सफाई कार्य को जटिल बना रहे हैं। यातायात पुलिस और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे हाईवे पर यात्रा करने से बचें और मार्ग पूरी तरह साफ होने तक इंतजार करें। अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा शुरू करने से पहले ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक ट्विटर, फेसबुक पेज या टीसीयू से संपर्क कर राजमार्ग की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
यह घटना जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन से उत्पन्न होने वाली बार-बार की समस्याओं को रेखांकित करती है। एनएच-44, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, अक्सर मानसून और भारी बारिश के दौरान इस तरह की बाधाओं का सामना करता है। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के लिए सभी संसाधन लगा दिए हैं। स्थानीय लोगों और यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।
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