ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के चिकित्सकों ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए 27 वर्षीय मरीज के बाएं पैर से 34.7 किलोग्राम वजनी कैंसरयुक्त बोन ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया। यह सर्जरी देश में इस तरह के विशाल ट्यूमर को हटाने का पहला रिकॉर्ड माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के सलमान (27) पिछले छह वर्षों से इस ट्यूमर से जूझ रहे थे। सलमान ने बताया कि 2019 में नहाते समय उन्हें जांघ के पास एक छोटी गांठ का अहसास हुआ था, जो धीरे-धीरे कद्दू से भी बड़े आकार की हो गई। इस कारण उन्हें उठने-बैठने और दैनिक कार्यों में भारी परेशानी हो रही थी। मुरादाबाद और दिल्ली के कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद बीमारी बढ़ती गई। अंततः सलमान एम्स ऋषिकेश पहुंचे, जहां ऑर्थोपेडिक्स विभाग की टीम ने 9 जून 2025 को जटिल सर्जरी कर ट्यूमर को हटा दिया।
ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख प्रो. पंकज कंडवाल ने बताया कि सर्जरी से पहले सलमान के बाएं पैर का वजन ट्यूमर सहित 41 किलोग्राम था, जो सर्जरी के बाद घटकर मात्र 6.3 किलोग्राम रह गया। ट्यूमर का आकार 53×24×19 इंच और वजन 34.7 किलोग्राम था, जिसने एमआरआई जांच में भी बाधा डाली। सर्जन डॉ. मोहित धींगरा ने बताया कि ट्यूमर के कैंसरग्रस्त होने और रक्त वाहिनियों में बदलाव के कारण सर्जरी अत्यंत जोखिम भरी थी। इसके लिए ऑर्थोपेडिक्स, सीटीवीएस, और प्लास्टिक सर्जरी विभागों की संयुक्त टीम ने काम किया।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि अनुभवी चिकित्सकों और रोगी के हौसले ने इस सर्जरी को संभव बनाया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री ने भी टीम को बधाई दी। सर्जरी में डॉ. मोहित धींगरा, डॉ. अंशुमान दरबारी, डॉ. मधुबरी वाथुल्या, डॉ. प्रवीण तलवार, डॉ. उदित चौहान, डॉ. अविनाश प्रकाश, डॉ. विशाल रेड्डी, डॉ. राहुल, डॉ. धवल और डॉ. प्रशांत शामिल थे।
सलमान अब वार्ड में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और जल्द ही डिस्चार्ज किए जाएंगे। इस सफलता ने न केवल सलमान को नया जीवन दिया, बल्कि एम्स ऋषिकेश की चिकित्सा क्षमता को भी राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया।


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