कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ इलाके में एक सनसनीखेज घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया। तालग्राम क्षेत्र के सलेमपुर गांव निवासी दीपू चक ने अपनी पत्नी को बुलाने के लिए उसके दो मासूम बच्चों—13 वर्षीय बेटी और 8 वर्षीय बेटे—को तमंचे के बल पर बंधक बना लिया। शुक्रवार सुबह शुरू हुआ यह ड्रामा करीब 8 घंटे तक चला, जिसमें आरोपी ने खुद और बच्चों को गोली मारने की धमकी देते हुए पुलिस को छकाया। आखिरकार, शाम को विशेष सुरक्षा समूह (एसओजी) की चतुराई से बच्चों को सुरक्षित मुक्त कराया गया। मुठभेड़ में आरोपी दीपू के पैर में गोली लगी, जबकि एसओजी प्रभारी देवेश पाल के हाथ में चोट आई। पुलिस ने दीपू को गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती करा दिया है।घटना की शुरुआत: पत्नी की तलाश में मायके पर तांडव
एएसपी अजय कुमार के अनुसार, दीपू ने चार माह पहले छिबरामऊ निवासी एक विधवा महिला से कन्नौज कोर्ट में शादी की थी। महिला के पहले पति की मौत हो चुकी थी, और उसके बच्चे नानी के घर रहते थे। शादी के बाद दोनों दिल्ली चले गए, लेकिन कुछ दिनों पहले महिला बिना बताए लापता हो गई और फोन भी बंद कर लिया। शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे दीपू पत्नी की तलाश में उसके मायके पहुंचा। गुस्से में उसने बच्चों को कमरे में बंद कर तमंचा सटा दिया और पत्नी को बुलाने की जिद करने लगा। स्थानीय लोगों की सूचना पर 12:30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची।8 घंटे का डरावना ड्रामा: धमकियां और बच्चों की सिहरन
आरोपी ने कभी खुद की कनपटी पर तो कभी बच्चों के सिर पर तमंचा सटाकर धमकी दी। वह चिल्लाता रहा, "पत्नी को बुलाओ, वरना सबको मार दूंगा।" एएसपी अजय कुमार और सीओ घंटों समझाते रहे, लेकिन दीपू जिद पर अड़ा रहा। 13 वर्षीय किशोरी ने सूझबूझ दिखाते हुए मौका पाकर फोन लाने के बहाने बाहर निकल गई और अपनी मां से बात कराने की कोशिश की। वहीं, 8 वर्षीय भाई मौत के मुंह में फंसा था। बहन बाहर चीख-चीखकर लोगों से गुहार लगाती रही। वीडियो कॉल के जरिए पत्नी से बात कराई गई, लेकिन इससे दीपू और आक्रोशित हो गया। उसने बच्चे के मुंह में तमंचे की नाल डाल दी। शाम करीब 7:13 बजे एसओजी प्रभारी देवेश पाल की टीम ने पत्नी को बुलाने का आश्वासन देकर पहले बेटे को बाहर निकाला। जैसे ही टीम ने दीपू को पकड़ने की कोशिश की, उसने फायरिंग शुरू कर दी। गोली एसओजी प्रभारी के हाथ को छूती हुई निकल गई, जबकि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लग गई। दो मिनट बाद, यानी 7:15 बजे, दीपू को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से 7 कारतूस बरामद हुए। बच्चों की दहशत: भूखे-प्यासे 8 घंटे का सफर
मुक्त हुए 8 वर्षीय बच्चे की हालत देखकर सबकी आंखें नम हो गईं। 8 घंटे तक भूखा-प्यासा और मौत के साये में सिसकता रहा वह इतना डरा हुआ था कि बोल ही नहीं पा रहा था। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में उसे भोजन और पानी दिया, जबकि पुलिसकर्मियों ने ढांढस बंधाया। किशोरी भी भाई की हालत देखकर टूट गई। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि बच्चे सुरक्षित हैं और उन्हें काउंसलिंग दी जा रही है। आरोपी को सौ शैय्या अस्पताल में उपचार के बाद जेल भेजा जाएगा।


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