नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ जेन-जेड के हिंसक प्रदर्शनों ने देश को अराजकता की कगार पर ला दिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने स्वीकार कर लिया।
गृह मंत्री के इस्तीफे के बाद अब राष्ट्रपति के इस्तीफे की भी खबरें आ रही हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल की पत्नी राजयलक्ष्मी चित्रकार को उनके दल्लू स्थित आवास पर जिंदा जला दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
प्रदर्शन, जो सोमवार को 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध के विरोध में शुरू हुआ, अब तक 22 लोगों की जान ले चुका है। हिंसा और तेज हो गई है, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने संसद और सुप्रीम कोर्ट को भी आग के हवाले कर दिया। राजयलक्ष्मी को गंभीर हालत में कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) नेता नरेश शाही ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने घर में आग लगाई, जिसमें वह अपने बेटे निर्भीक खनाल के साथ फंस गईं। नेपाली सेना ने झालानाथ खनाल को बचा लिया, लेकिन उनकी पत्नी बच नहीं सकीं।हिंसा के बावजूद सरकार ने सोशल मीडिया बैन वापस ले लिया, लेकिन प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे। झालानाथ खनाल, जो फरवरी 2011 से अगस्त 2011 तक नेपाल के 35वें प्रधानमंत्री रहे और सीपीएन के चेयरमैन भी थे, इस घटना से स्तब्ध हैं। अधिकारियों ने अभी तक इस हमले पर कोई बयान नहीं दिया है, जबकि देशभर में कर्फ्यू और सेना तैनाती बढ़ा दी गई है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम की मांग तेज हो गई है।


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