शिमला । हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले से जुड़े नेपाली युवक सूरज की लॉकअप में मौत के मामले में चंडीगढ़ स्थित सीबीआई कोर्ट ने शिमला के पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी करार दिया है। फैसले के बाद अदालत ने सभी दोषियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया। अदालत 27 जनवरी को सजा सुनाएगी।
मामला 2017 का है। शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में 16 वर्षीय छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या से जुड़ा है। 4 जुलाई 2017 को छात्रा स्कूल से घर लौटते समय लापता हो गई थी।
दो दिन बाद 6 जुलाई को तांदी के जंगल में उसका निर्वस्त्र शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या की पुष्टि हुई। घटना के बाद हिमाचल पुलिस ने तत्कालीन आईजी जहूर हैदर जैदी की अगुआई में एक एसआईटी का गठन किया।
टीम ने छह संदिग्धों को हिरासत में लिया जिसमें नेपाली मूल का युवक सूरज भी शामिल था। 18 जुलाई 2017 को कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
सूरज की मौत के बाद हिमाचल प्रदेश में भारी जनाक्रोश देखने को मिला। पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की सीबीआई को सौंपी गई।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सूरज की मौत पुलिस द्वारा हिरासत में किए गए टॉर्चर के कारण हुई थी। इस मामले को लेकर चंडीगढ़ की सीबीआई विशेष अदालत में सुनवाई चली।
अदालत ने अंतिम बहस सुनने के बाद पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया।


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