जम्मू । राजौरी जिले के बड्डाल गांव इन दिनों केंद्रीय जांच, सुरक्षा और स्वास्थ्य एजेंसियों के राडार पर है। यहां के तीन घरों में अब तक 16 सदस्यों की मौत हो चुकी है। सबसे ताजा मौत शुक्रवार को हुई। इस घटना में साठ वर्षीय जत्ती बेगम ने प्राण त्यागें इस बीमारी से एक और लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। बड्डाल गांव जम्मू जिले के कोटरंका सब-डिवीजन के अंतरगतआजा है। दिसंबर महीने से अब तक तीन परिवारों के 16 सदस्य यहां अज्ञात बीमारी की वजह से प्राण गंवा चुके हैं। रविवार से शुक्रवार तक इनमें से सात मौतें हुई है।
अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों के तीनों घरों को सील कर दिया है। इन परिवारों व नजदीकी रिश्तेदारों को सरकारी शरण स्थलों में स्थानांतरित किया जा रहा है। इनकी संख्या 21 है। उनके स्वास्थ्य की कड़ निगरानी की जा रही है। अजीब स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग को बीमारी समझ में नहीं आ रही है तो सुरक्षा एजेंसियां इसे साजिश के रूप में देखने लगीं।
एक विशेष टीम बनाई गई है। जिसकी अगुवाई अतिरिक्त उप आयुक्त दिल मीर कर रहे हैं, जिनके साथ सुरक्षा कर्मी भी तैनात हैं। इस बीच, बड्डाल पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशंस) वजाहत हुसैन की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है, जो इन मौतों की जांच कर रहा है।।
शुक्रवार को मरने वाली जत्ती बेगम के पति मोहम्मद यूसुफ की तीन दिन पहले अस्पताल में मौत हो गई थी। मोहम्मद असलम की 15 वर्षीय बेटी यास्मीन कौसर की हालत गंभीर है और वह जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया कि स्थिति पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य और परीक्षण एजेंसियों की कई टीमें इस मामले की जांच में लगी हैं।
स्वास्थ्य विभाग की समस्या यह है कि कई जांचें होने के बाद भी विशेषज्ञों को किसी भी वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है। जांच जारी है और एसआईटी का गठन किया गया है ताकि किसी भी अपराधी कोण का पता लगाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी गांव के सभी खाद्य पदार्थों और दवाओं की जांच करेगी और नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा जाएगा।
उधर जांच दल ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है और गांववासियों से पूछताछ शुरू कर दी गई है। केंद्रीय टीम, जिसमें स्वास्थ्य और परीक्षण संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं, गांव में मौजूद है। केंद्रीय विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर) द्वारा किए गए विषाणु और विषाक्त विश्लेषण में कई जैविक नमूनों में विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं।
पिछली घटनाओं में 7 दिसंबर को एक परिवार के सात सदस्य सामुदायिक भोजन के बाद बीमार हो गए थे, जिनमें से पांच की मौत हो गई थी। 12 दिसंबर को एक और परिवार प्रभावित हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। यह घटनाएं किसी संक्रामक बीमारी से संबंधित नहीं बताई जा रही हैं।


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