बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां नौकरी दिलाने के बहाने तीन युवतियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है। यह आरोप शहर के तीन कारोबारियों पर लगा है, जिनके खिलाफ पीड़िताओं ने कोतवाली थाने में 22 मार्च को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस की लापरवाही भी चर्चा में है, क्योंकि रिपोर्ट दर्ज होने के तीन दिन बाद भी न तो पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण कराया गया और न ही उनके बयान दर्ज किए गए।
आरोपों का विवरण
पीड़ित युवतियों ने अपनी तहरीर में बताया कि कारोबारी आशीष अग्रवाल, स्वतंत्र साहू और लोकेंद्र सिंह चंदेल ने नौकरी का लालच देकर उनका शारीरिक शोषण किया। आरोप है कि इन कारोबारियों ने उन्हें जबरन बियर और सिगरेट पिलाई, निर्वस्त्र कर डांस कराया और उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए। इन वीडियो को इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी देकर युवतियों को डराया गया। पीड़िताओं में एक अनुसूचित जाति और दो मुस्लिम समुदाय से हैं। एक पीड़िता को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का भी आरोप है।
पुलिस की सुस्ती पर सवाल
युवतियों ने पुलिस को सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव सौंपी थी, जिसमें कथित तौर पर शोषण के सबूत मौजूद हैं। इसके बावजूद पुलिस ने दो दिन तक मामले को दबाए रखा और तीसरे दिन तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़िताओं का मेडिकल परीक्षण और मजिस्ट्रेटी बयान बुधवार (26 मार्च, 2025) को दर्ज किए जाएंगे। सवाल उठ रहा है कि जब पहले दिन ही सबूत उपलब्ध थे, तो पुलिस ने कार्रवाई में देरी क्यों की?
आरोपियों की प्रतिक्रिया
आरोपी आशीष अग्रवाल (ऑटो पार्ट्स व्यापारी) ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्हें फर्जी फंसाया गया है और वह पीड़िताओं को जानते तक नहीं। वहीं, स्वतंत्र साहू (गुटखा व्यवसायी) और लोकेंद्र सिंह चंदेल (ठेकेदार) ने अपने फोन बंद कर चुप्पी साध ली है। तहरीर में चौथे व्यक्ति नवीन कुमार का भी जिक्र है, जिसने इस मामले पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।
युवतियों की आपबीती
तीनों पीड़िताएं इंटर कॉलेज के समय से सहेलियां हैं। उनका कहना है कि अलीगंज निवासी नवीन कुमार के जरिए वे इन कारोबारियों के संपर्क में आईं। शुरू में नौकरी का झांसा दिया गया, लेकिन बाद में उनका शारीरिक शोषण शुरू हुआ। जब उन्होंने दूरी बनाने की कोशिश की, तो वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। पीड़िताओं का आरोप है कि इन कारोबारियों ने अन्य लड़कियों को भी निशाना बनाया है, लेकिन बदनामी के डर से वे सामने नहीं आ रही हैं।
पुलिस का बयान
एसपी बांदा अंकुर अग्रवाल ने कहा, "पेन ड्राइव और तहरीर के आधार पर जांच चल रही है। विवेचना सीओ सिटी कर रहे हैं। पीड़िताओं के मेडिकल और बयान दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।"
परिवार और पीड़िताओं की चुप्पी
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पीड़िताओं और उनके परिवारों ने चुप्पी साध ली है। एक पीड़िता के परिजनों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया, जबकि दो अन्य पीड़िताएं फोन पर उपलब्ध नहीं हैं।
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