देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या में लगातार हो रही कमी को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को विभागीय बैठक में इस मुद्दे की जांच के लिए महानिदेशालय स्तर पर एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके साथ ही स्कूलों में नए विषय खोलने, उच्चीकरण और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में डॉ. रावत ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावक संघों की मांग को देखते हुए विद्यालयों में आवश्यकतानुसार नए विषय शुरू किए जाएंगे। इसके लिए सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों के प्रस्ताव महानिदेशालय को शीघ्र भेजने को कहा गया है। उन्होंने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो स्कूलों के उच्चीकरण, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों और विकासखंड स्तर पर क्लस्टर स्कूलों की स्थापना के प्रस्ताव भी इस माह तक शासन को सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही जीर्ण-शीर्ण स्कूलों और डी व सी श्रेणी के विद्यालयों के निर्माण के लिए भी समयबद्ध प्रस्ताव मांगे गए।
शिक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि जिन जनपदों से वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्ताव समय पर नहीं आएंगे, वहां के मुख्य शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्कूलों में पेयजल, बिजली, फर्नीचर, कंप्यूटर और शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इसके अलावा, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों के दाखिले, किताबों, स्कूल ड्रेस और मनमानी फीस वृद्धि की शिकायतों का त्वरित निपटारा करने के लिए टोल-फ्री नंबर पर प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
डॉ. धन सिंह रावत ने सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि इसके कारणों का पता लगाने के लिए विभागीय स्तर पर जांच समिति बनाई जाएगी। यह समिति विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर छात्र संख्या बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस पहल से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।


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