नई दिल्ली। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक और निर्णायक कार्रवाई की जानकारी साझा की। इस ऑपरेशन को 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों का हाथ सामने आया है।
विदेश सचिव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में बहाल हो रही शांति और सामान्य स्थिति को बाधित करने की साजिश थी। हमले का उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव को भड़काना था, लेकिन भारत की एकजुट जनता और सरकार ने इस मंसूबे को नाकाम कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है, जहां से भारत के खिलाफ साजिशें रची जाती हैं। विदेश सचिव ने 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रेस वक्तव्य में द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव की भी निंदा की, जो आतंकवादियों के साथ उसके गठजोड़ को उजागर करता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर की तकनीकी और रणनीतिक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए शुरू किया गया। 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इनमें आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र और लॉन्च पैड शामिल थे, जहां 2008 के मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों ने प्रशिक्षण लिया था। कर्नल कुरैशी ने जोर देकर कहा कि यह कार्रवाई नपी-तुली थी और इसमें पाकिस्तान के किसी सैन्य या नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
सूत्रों के अनुसार, इस एयरस्ट्राइक में 62 से अधिक आतंकी मारे गए, जिनमें कई शीर्ष आतंकी हैंडलर शामिल हैं। लश्कर-ए-तैयबा के तीन प्रमुख ठिकाने पूरी तरह तबाह कर दिए गए। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया, जिसमें भविष्य में और हमलों की आशंका जताई गई थी। कर्नल कुरैशी ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान ने भविष्य में कोई उकसावे की कार्रवाई की, तो भारतीय सेना इसका और भी कड़ा जवाब देगी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सीमावर्ती गांवों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें तीन लोगों के मारे जाने और कई के घायल होने की खबर है। भारतीय सेना ने इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिकों के हताहत होने की सूचना है। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए दबाव डालने की अपील की है। भारत ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना है, न कि युद्ध को बढ़ावा देना। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का एक और उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि देश अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को भी दर्शाती है। भारतीय सेना की इस सफलता ने देशवासियों में गर्व की भावना जगा दी है, वहीं पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
भारतीय सेना कार्रवाई को लेकर शुरू हुई ब्रीफिंग में सबसे पहले वीडियो प्रस्तुति दिखाई गई। इसमें भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमलों का ब्यौरा दिया गया। इसमें दिखाया गया कि कैसे दहशतगर्दों ने अलग-अलग मौकों पर भारत को अशांत करने की साजिश की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मौजूदगी में देश की संसद पर हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और पहलगाम हमले के दृश्य भी दिखाए गए।
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