नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की दुर्गम पहाड़ियों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर मंगलवार देर रात एक मुठभेड़ में 18 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया। सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों के पास से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। इस ऑपरेशन को पिछले 15 दिनों से लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें कई नक्सली पहले ही ढेर किए जा चुके हैं। कर्रेगुट्टा की भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद सुरक्षा बल तलाशी और गश्त अभियान में जुटे हैं।
खुफिया सूचनाओं के आधार पर इस क्षेत्र में शीर्ष नक्सली नेताओं और बटालियन नंबर एक की मौजूदगी की जानकारी मिली थी, जिसके बाद ऑपरेशन को और तेज किया गया। सूत्रों का कहना है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई जारी है। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने अभी तक इस मुठभेड़ की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। कर्रेगुट्टा क्षेत्र लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है, और यह कार्रवाई नक्सली नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
उधर, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से साबित किया है। 15 दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। घातक ड्रोन और मिसाइलों से किए गए इन हमलों में बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के आतंकी ढांचे तबाह किए गए।
यह कार्रवाई पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने और आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ एक साथ की गई इन कार्रवाइयों ने देश की सुरक्षा के प्रति सरकार और सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है। दोनों ऑपरेशनों ने न केवल आतंकी और नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है, बल्कि देशवासियों में सुरक्षा और गर्व की भावना भी जगाई है।
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