ब्रेकिंग :भारत का जवाब, पाकिस्तान के 50 ड्रोन नष्ट, पीएसएल मैच यूएई स्थानांतरित
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को भी झटका दिया है। शुक्रवार को पीसीबी ने पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के बचे हुए मैचों को सुरक्षा कारणों से यूएई स्थानांतरित करने का फैसला किया। विदेशी खिलाड़ी डर के माहौल में अपने देश लौटना चाहते हैं। यह निर्णय गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर ड्रोन हमलों की नाकाम कोशिशों के बाद लिया गया।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर, सांबा, जम्मू, अखनूर, नगरोटा और पंजाब के पठानकोट में रात भर चले काउंटर-ड्रोन ऑपरेशन में 50 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में एल-70 गन, जेडयू-23 मिमी गन, शिल्का सिस्टम और अन्य उन्नत काउंटर-यूएएस उपकरणों का उपयोग किया गया। पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू में नागरिक कारों को निशाना बनाया और गोलियां व नुकीले हथियारों का इस्तेमाल किया। भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया।
जम्मू-कश्मीर में रात भर गोलाबारी के बीच स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल रहा। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “रात को खाना खाते वक्त धमाकों की आवाज सुनी। सुबह 4:30 बजे फिर धमाके हुए, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें निष्क्रिय कर दिया। हमें अपनी सेना पर गर्व है। माता वैष्णो देवी हमारी रक्षा करेंगी।” उन्होंने पाकिस्तान की ओर से नागरिकों पर हमले को कायराना हरकत करार दिया।
अमृतसर के जिला जनसंपर्क कार्यालय (डीपीआरओ) ने नागरिकों से घरों में रहने, खिड़कियों से दूर रहने, लाइटें बंद रखने और पर्दे खींचे रखने की अपील की। डीपीआरओ ने कहा, “सायरन बजेगा, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। मौसम साफ होने पर नया संदेश जारी करेंगे। हमारे सशस्त्र बल पूरी तरह अलर्ट हैं।”
यह तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। गुरुवार को पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की उन्नत वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से एस-400, ने पाकिस्तान की हरकतों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी उकसावे का कड़ा जवाब देगी। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव बना हुआ है, और भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट है।
UPDATE
जम्मू—अमृतसर व चंडीगढ़ पर पाकिस्तानी हमला नाकाम, भारतीय सेना ने मार गिराए चार लड़ाकू विमान, दो पायलट हिरासत में
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने गुरुवार शाम को पाकिस्तान की एक और नापाक कोशिश को नाकाम करते हुए उसके चार लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिसमें दो अमेरिका निर्मित एफ-16 और दो चीन निर्मित जेएफ-17 शामिल हैं। यह कार्रवाई तब हुई, जब पाकिस्तानी वायुसेना ने जम्मू और राजस्थान के कई इलाकों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने की कोशिश की। भारतीय सेना की तत्परता और उन्नत वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को विफल कर दिया, जिसके बाद जैसलमेर और अखनूर में दो पाकिस्तानी पायलटों को हिरासत में लिया गया।
घटना की शुरुआत गुरुवार शाम को तब हुई, जब पाकिस्तानी वायुसेना के एक एफ-16 सुपरसोनिक लड़ाकू विमान ने सरगोधा एयरबेस से उड़ान भरी। यह एयरबेस पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है और इसका ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि 1965 और 1971 के युद्धों में भी इसका उपयोग भारत के खिलाफ किया गया था। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) ने इस एफ-16 को सरगोधा के पास ही मार गिराया। इसके बाद, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से एस-400, ने जैसलमेर और अखनूर में तीन अन्य पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया। हिरासत में लिए गए पायलटों की पहचान अभी उजागर नहीं की गई है, और उनकी पूछताछ जारी है।
यह घटना भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का हिस्सा है, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, श्रीनगर, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, भटिंडा, चंडीगढ़ और गुजरात के भुज सहित 15 शहरों में ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की। भारतीय सेना ने एकीकृत मानव रहित विमान प्रणाली ग्रिड (यूएएस ग्रिड) और वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग कर इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। जम्मू में सतवारी (जम्मू हवाई अड्डा), सांबा, आरएस पुरा और अरनिया में आठ मिसाइलें दागी गईं, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा इकाइयों ने बीच हवा में ही नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान की इस आक्रामकता के जवाब में भारतीय सेना ने लाहौर में पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया और कई स्थानों पर हवाई रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया। एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस) ने बताया कि जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य ठिकानों पर कोई नुकसान नहीं हुआ। इस बीच, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के पठानकोट और जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की, जिसमें एक महिला की मौत और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया।
जम्मू, आरएस पुरा, अरनिया, सांबा, हीरानगर, अमृतसर, पठानकोट, जम्मू विश्वविद्यालय के पास और राजस्थान के जैसलमेर में ड्रोन गतिविधियां देखी गईं, जिन्हें भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया। सुरक्षा कारणों से जम्मू, चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर, बिकानेर और जैसलमेर में ब्लैकआउट लागू किया गया। चंडीगढ़ में सायरन बजाए गए और लोगों को घरों में रहने को कहा गया।
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाइयां लक्षित और गैर-आक्रामक थीं, जिनका उद्देश्य आतंकी ढांचों को नष्ट करना था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की धैर्य की परीक्षा लेने वालों को कड़ा जवाब दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोपीय संघ, ने भारत के संयमित जवाब की सराहना की है।
यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा सकता है। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि वह गैर-आक्रामक रुख बनाए रखेगी, बशर्ते पाकिस्तान की ओर से उकसावे की कार्रवाइयां बंद हों।
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