पिथौरागढ़: छात्र ने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से ली अपनी जान, सुसाइड नोट छोड़ा - सत्यमेव जयते

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Friday, May 2, 2025

पिथौरागढ़: छात्र ने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से ली अपनी जान, सुसाइड नोट छोड़ा



पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट नगर में एक दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया। शिव मंदिर वार्ड निवासी एक छात्र ने अपने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली में बीए ऑनर्स का छात्र था। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें छात्र ने अपनी मृत्यु का जिम्मेदार खुद को बताया है। इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और हथियारों की सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा को जन्म दिया है।

पुलिस के अनुसार, यह घटना बुधवार रात की है, जब छात्र ने अपने कमरे में पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से अपनी कनपटी पर गोली चला ली। गुरुवार सुबह 8 बजे, रोज की तरह उसकी मां जानकी उसे चाय देने कमरे में पहुंचीं, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण नहीं खुला। पिता ने दूसरी चाबी से ताला खोला, तो कमरे में बेटे का लहूलुहान शव बिस्तर पर मिला। सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। जांच के दौरान पुलिस को चार पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें छात्र ने अपनी मृत्यु के लिए स्वयं को जिम्मेदार ठहराया।

सीओ केएस रावत ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। ऐसा माना जा रहा है कि छात्र अवसाद (डिप्रेशन) से जूझ रहा था। उसने पिता की रिवाल्वर अलमारी से निकाली और रात में अपने बेडरूम में गोली चलाकर जीवन समाप्त कर लिया। सुसाइड नोट को पुलिस ने कब्जे में लिया है और उसकी सामग्री की गहन जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर सभी पहलुओं की पड़ताल शुरू कर दी है।

यह घटना न केवल परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में बढ़ता तनाव और अवसाद गंभीर चिंता का विषय है। इस घटना ने लाइसेंसी हथियारों की सुरक्षित रखरखाव पर भी सवाल उठाए हैं, क्योंकि रिवाल्वर तक छात्र की आसान पहुंच ने इस त्रासदी को जन्म दिया।

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाया जाए। साथ ही, परिवारों को सलाह दी जा रही है कि वे बच्चों के व्यवहार में बदलाव पर ध्यान दें और समय रहते मदद लें। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी परिस्थितियों में तुरंत नजदीकी हेल्पलाइन या काउंसलिंग सेंटर से संपर्क करें। इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि समय रहते मानसिक स्वास्थ्य और हथियारों की सुरक्षा पर ध्यान देना कितना जरूरी है।


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