हरिद्वार। बहादराबाद थाना क्षेत्र के बढ़ेड़ी राजपूतान गांव के पास मंगलवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे ने दहशत फैला दी। मेरठ डिपो की एक रोडवेज बस, जो हरिद्वार से रुड़की की ओर जा रही थी, निर्माणाधीन नेशनल हाईवे पर खड़ी एक क्रेन से जोरदार टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया, और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब बस बढ़ेड़ी राजपूतान के समीप पहुंची थी। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस की सहायता से घायल यात्रियों को बस से बाहर निकाला। बस के चालक को खिड़की तोड़कर निकालना पड़ा। इस हादसे में लगभग आधा दर्जन यात्री घायल हुए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अंकुर शर्मा और शांतरशाह चौकी प्रभारी उमेश कुमार लोधी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायलों को एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। शांतरशाह चौकी प्रभारी उमेश कुमार लोधी ने बताया कि हादसे में करीब छह लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें तीन की हालत नाजुक है। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और क्रेन के सड़क किनारे खड़े होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इस घटना ने निर्माणाधीन सड़कों पर सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग और यात्री हादसे से सदमे में हैं और प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब बस बढ़ेड़ी राजपूतान के समीप पहुंची थी। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस की सहायता से घायल यात्रियों को बस से बाहर निकाला। बस के चालक को खिड़की तोड़कर निकालना पड़ा। इस हादसे में लगभग आधा दर्जन यात्री घायल हुए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अंकुर शर्मा और शांतरशाह चौकी प्रभारी उमेश कुमार लोधी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायलों को एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। शांतरशाह चौकी प्रभारी उमेश कुमार लोधी ने बताया कि हादसे में करीब छह लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें तीन की हालत नाजुक है। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और क्रेन के सड़क किनारे खड़े होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इस घटना ने निर्माणाधीन सड़कों पर सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग और यात्री हादसे से सदमे में हैं और प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


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