बागेश्वर। जिला मुख्यालय में एक दसवीं कक्षा के छात्र ने घर के भीतर फंदे से लटककर अपनी जिंदगी खत्म कर ली। सोमवार की देर शाम हुई इस घटना ने परिवार को सदमे में डुबो दिया। पुलिस ने शव को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां पोस्टमार्टम के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया। अब जांच में एक रहस्यमयी फोन कॉल और नशे की लत पर सवाल उठ रहे हैं।
माल रोड के पास पेट्रोल पंप के समीप रहने वाले विनोद कुमार इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते हैं। उनका 17 साल का बेटा आयुष उस शाम घर में था। मां से अपनी पसंद की सब्जी बनाने को कहने के बाद वह नीचे की मंजिल पर गया। इसी बीच, जब परिवार ऊपर था, उसने पंखे से कपड़े और तार का फंदा बनाकर खुद को लटका लिया।
बहन ने खिड़की से उसे झूलते देखा तो चीख पड़ी। परिजनों ने दरवाजा तोड़ा, उसे नीचे उतारा, लेकिन सांसें थम चुकी थीं। कोतवाल कैलाश सिंह नेगी पुलिस टीम के साथ पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले गए।
परिजनों का मानना है कि आयुष गलत संगत में फंस गया था। कुछ समय से वह व्हाइटनर और सनमाइका चिपकाने वाले सॉल्यूशन जैसे नशे का आदी हो गया था। कुछ दिन पहले उसने पांच हजार रुपये मांगे थे, शायद किसी को देने के लिए। पिता का कहना है कि शाम तक सब ठीक था, लेकिन एक अज्ञात फोन कॉल के बाद उसने यह कदम उठाया। क्या वह कॉल नशे के सौदागरों की थी? यह सवाल अब जांच का केंद्र बन गया है।
कोतवाल नेगी ने बताया कि आयुष के मोबाइल की छानबीन शुरू कर दी गई है। मौत से पहले की कॉल्स और संदेशों से सुराग तलाशे जा रहे हैं। एसपी चंद्रशेखर घोड़के ने कहा, "किशोरों को नशे से बचाने के लिए स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन परिजनों को भी सतर्क रहना होगा।" इस त्रासदी ने नशे की गहरी होती जड़ों और एक परिवार के दर्द को उजागर कर दिया है।


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