देहरादून के अन्न भंडार में अनियमितताएं: डीएम ने गोदाम प्रभारी को निलंबित किया, जांच के आदेश - सत्यमेव जयते

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Thursday, April 3, 2025

देहरादून के अन्न भंडार में अनियमितताएं: डीएम ने गोदाम प्रभारी को निलंबित किया, जांच के आदेश

सैंपल देखते जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल

देहरादून। जिला प्रशासन ने गुलर घाटी के नकरौंदा स्थित अन्न भंडार में औचक निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं पकड़ीं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को प्रशासनिक टीम के साथ निरीक्षण किया, जिसमें अनाज की गुणवत्ता, भंडारण और स्टॉक रजिस्टर में खामियां सामने आईं। इसके बाद डीएम ने गोदाम प्रभारी वरिष्ठ विपणन अधिकारी (एसएमओ) विष्णु प्रसाद त्रिवेदी को निलंबित कर दिया और सहायक क्षेत्रीय अधिकारी (एआरओ) अजय रावत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। मामले की गहन जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अनाज का भंडारण अनुचित ढंग से किया गया था। रैक और रैट ट्रैप की कमी के कारण अनाज नमी और कीटों से सुरक्षित नहीं था। नियमानुसार 50.5 किलोग्राम वजन वाले गेहूं के बोरे का औसत वजन 43 किलोग्राम और चावल के बोरे का 47 किलोग्राम पाया गया। मिक्स इंडिकेटर मैथर्ड से परीक्षण में चावल के 61 नमूनों में से 26 फेल हो गए, जिन्हें रद्द श्रेणी में रखा गया। स्टॉक रजिस्टर अपूर्ण, बिना हस्ताक्षर और भौतिक सत्यापन से भिन्न पाया गया। स्टैक कार्ड भी ज्यादातर अनुपस्थित थे या अधूरे थे।

डीएम ने फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (फिफो) नियमों के उल्लंघन पर भी नाराजगी जताई, जो भंडारण का मूल सिद्धांत है। न तो फिफो रजिस्टर मेंटेन किया गया और न ही पुराने स्टॉक की पहले निकासी हुई। यह भंडार गढ़वाल क्षेत्र, सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों, आंगनबाड़ी केंद्रों और मिड-डे मील के लिए अनाज आपूर्ति करता है, जिससे यह मामला जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा है।

जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए एसएमओ विष्णु प्रसाद त्रिवेदी को भंडारण, खरीद और गुणवत्ता नियंत्रण में लापरवाही के लिए निलंबित कर मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से संबद्ध किया। एआरओ अजय रावत की संदिग्ध भूमिका और गुणवत्ता जांच के बिना अनाज वितरण के लिए जिम्मेदारी तय की गई। डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी को उत्तरांचल सरकारी सेवक नियमावली-2003 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा।

यह कार्रवाई खरीफ खरीद नीति 2024-25 और भारतीय खाद्य निगम की एसओपी के उल्लंघन को उजागर करती है। डीएम ने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़े इस मामले में किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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