काशीपुर:युवा पावर लिफ्टर अरोरा ने की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी - सत्यमेव जयते

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Friday, May 2, 2025

काशीपुर:युवा पावर लिफ्टर अरोरा ने की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी



काशीपुर। उत्तराखंड के काशीपुर में एक दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया। दढ़ियाल रोड निवासी 36 वर्षीय अमनदीप अरोरा, जो एक प्रसिद्ध पावर लिफ्टर थे, ने शुक्रवार को अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अमनदीप का दढ़ियाल रोड पर अपने घर के पास एक पॉल्ट्री फार्म था। शुक्रवार को उन्होंने अपने पॉल्ट्री फार्म के निकट अपनी लाइसेंसी बंदूक से स्वयं को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग और परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे। परिजन उन्हें खून से लथपथ हालत में तत्काल काशीपुर के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की।

पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मृतक की लाइसेंसी बंदूक को कब्जे में लिया। शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अमनदीप ने यह कदम क्यों उठाया। अभी तक आत्महत्या के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है, और पुलिस सभी संभावित पहलुओं, जैसे व्यक्तिगत परेशानियां, मानसिक स्वास्थ्य या अन्य कारकों की पड़ताल कर रही है।

अमनदीप अरोरा एक जाने-माने पावर लिफ्टर थे, जिन्होंने पावर लिफ्टिंग में कई मेडल और सम्मान हासिल किए थे। उनकी उपलब्धियां स्थानीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं। दो भाइयों में बड़े अमनदीप अपने पीछे पत्नी, एक बच्चे और रोते-बिलखते परिजनों को छोड़ गए हैं। उनकी अचानक मृत्यु ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे काशीपुर में शोक की लहर फैला दी है।

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और लाइसेंसी हथियारों की सुरक्षित रखरखाव की आवश्यकता को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं को समय रहते पहचानकर उचित काउंसलिंग और सहायता से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। स्थानीय समुदाय और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाया जाए।

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