हल्द्वानी। उत्तराखंड में जिला पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए 106 बागी नेता मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। ये बागी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे हैं, जिससे भाजपा की जीत की राह कठिन हो सकती है।
चम्पावत जिले में सबसे अधिक 29 बागी, पिथौरागढ़ में 16, नैनीताल में 14, अल्मोड़ा में 13, ऊधमसिंह नगर में 3 और बागेश्वर में 1 बागी नेता पार्टी के लिए चुनौती बने हुए हैं।
कुमाऊं क्षेत्र में 79 और गढ़वाल में 30 बागी चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश में जिला पंचायत की 358 सीटों में से भाजपा ने 316 पर अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि 42 सीटों को स्वतंत्र रखा गया है।
इन स्वतंत्र सीटों पर सबसे अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। कुछ सीटों पर तो एक भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ 2 से 4 बागी नेता तक चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा की डैमेज कंट्रोल टीम बागियों को मनाने में जुटी है, लेकिन अभी तक एक भी बागी को मनाने में सफलता नहीं मिली है।
नाम वापसी की अंतिम तारीख 11 जुलाई तक पार्टी के पास केवल दो दिन का समय बचा है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि बागियों को मनाने के लिए पंचायत प्रभारी और वरिष्ठ नेता सक्रियता से काम कर रहे हैं।
यदि बागी नहीं माने तो पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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