नई दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग के कारण बढ़ते आत्महत्याओं और कर्ज में डूबने की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय एक नया ऑनलाइन गेमिंग बिल ला रहा है, जिसे बुधवार, 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। मंगलवार को कैबिनेट कमेटी ने इस बिल को मंजूरी दे दी। इसके तहत बेटिंग और पैसे से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम्स, चाहे वे स्किल आधारित हों या चांस आधारित, प्रतिबंधित होंगे।
बिल में बेटिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसमें सात साल की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। पिछले चार-पांच सालों में 1400 से अधिक बेटिंग एप्स पर रोक लगाई जा चुकी है, लेकिन ठोस कानून के अभाव में कार्रवाई प्रभावी नहीं हो पाई थी। नए बिल के लागू होने पर केवल मुफ्त गेमिंग एप्स को ही अनुमति होगी।
ड्रीम 11 जैसे गेमिंग एप्स, जिनमें शुल्क देकर खेलना पड़ता है, पर भी प्रतिबंध लग सकता है। बैंकों को ऐसे गेम्स के लिए लेनदेन की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, इन एप्स का प्रचार करने वाली हस्तियों पर भी जुर्माना लगेगा।
भारत में 3.8 अरब डॉलर के ऑनलाइन गेमिंग कारोबार पर इस बिल का बड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि तीन अरब डॉलर का कारोबार पैसे के लेनदेन से जुड़ा है।
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